tag:blogger.com,1999:blog-8032054811370849753.post8652985468650082179..comments2009-09-14T04:13:44.831-07:00Comments on सुजलाम- इधर- उधर से: गगरी न फूटे-चाहे खसम मर जए, बुंदेलखंड में पानी के लिए कोहरामUnknownnoreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-8032054811370849753.post-76492175967891574212008-05-12T00:35:00.000-07:002008-05-12T00:35:00.000-07:00कोन कहता हे हम ने तरक्की कर ली, रोटी तो रोटी हमारे...कोन कहता हे हम ने तरक्की कर ली, रोटी तो रोटी हमारे पास पीने के लिये पानी नही, मुझे आप की यह पोस्ट पढ कर बहुत कुछ सोचने पर मजबुर कर दिया, धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com