शुक्रवार, 6 जून 2008

उड़ी बाबा...कोलकाता में गंगा के अंदर से मेट्रो!

बीएस संवाददाता / नई दिल्ली

देश में सबसे पहले मेट्रो रेल की सौगात कोलकाता को मिली थी और अब पहली अंडर वाटर मेट्रो रेल की शुरुआत के लिए भी इसी शहर को चुना गया है।

गुरुवार को प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में हाईटेक शहर साल्ट लेक सिटी से व्यस्ततम रेलवे स्टेशन हावड़ा तक बनने वाली बहुप्रतीक्षित मेट्रो रेल परियोजना को मंजूरी दे दी गई। 13.77 किलोमीटर लंबी दूरी वाली इस परियोजना की लागत 4676 करोड़ रुपये आएगी।

इसके तहत गंगा नदी में 8 किलोमीटर की एक सुरंग बनाई जाएगी, जिससे मेट्रो रेल गुजरेगी। यह परियोजना संयुक्त उद्यम के जरिए संचालित होगी, जिसमें केंद्र और राज्य सरकार की आधी-आधी हिस्सेदारी होगी। सूचना प्रसारण मंत्री प्रिय रंजन दासमुंशी ने बताया कि इस परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसका लक्ष्य साढ़े छह साल तय किया गया है।

पहले चरण के तहत 5.77 किलोमीटर लंबी लाइन का काम होगा, जबकि शेष का काम अगले चरण में पूरा होगा और इसमें एलिवेटेट लाइन-स्टेशन आदि बनाए जाएंगे। परियोजना से जुड़े सूत्रों ने बताया कि इस रूट के लिए किराया 8 रुपये और 16 रुपये रखा जा सकता है। कोलकाता में बनने वाले पूर्व-पश्चिम मेट्रो रेल परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट के प्रमुख ई. श्रीधरन तैयार करेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, इस परियोजना को भविष्य में हावड़ा जिले के अंदर 3.5 किलोमीटर तक बढ़ाया जा सकता है और इस काम में जापान की जेवीआईसी वित्तीय सहयता प्रदान कर सकती है। प्रियरंजन दासमुंशी ने बताया कि इससे फुटबॉल प्रेमियों को साल्ट लेक सिटी में बने एशिया के सबसे बड़े स्टेडियम तक पहुंचने में आसानी होगी।

देश की पहली मेट्रो के बाद कोलकातावासियों के नसीब में ही आई पानी के भीतर से गुजरने वाली पहली मेट्रो
हावड़ा स्टेशन से साल्ट लेक सिटी तक गंगा के भीतर बनी सुरंग से गुजरेगी रेल लाइन साढ़े छह साल में दो चरणों में पूरी होगी परियोजना

http://hindi.business-standard.com

कोई टिप्पणी नहीं: