बुधवार, 27 अगस्त 2008

एसटीपी से भी प्रदूषित पानी ही जा रहा है यमुना मे

एसटीपी से भी प्रदूषित पानी ही जा रहा है यमुना मे

चंडीगढ़ : करोड़ों रुपये खर्च होने के बावजूद यमुना एक्शन प्लान के तहत हरियाणा के विभिन्न शहरों में लगे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) से भी प्रदूषित पानी ही यमुना में डाला जा रहा है।

पलवल के विधायक करण सिंह दलाल इस संबंध में मुख्यमंत्री को खत लिख रहे है और इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएंगे।

गौरतलब है कि पर्यावरण व वन मंत्रालय ने 1993 में यमुना एक्शन प्लान के तहत हरियाणा व उत्तर प्रदेश के यमुना किनारे के शहरों और दिल्ली को शामिल किया था। इसके लिए जापान से 700 करोड़ का कर्ज लिया गया था। प्राथमिक तौर पर हरियाणा के यमुनानगर, करनाल, पानीपत, सोनीपत, गुड़गांव और फरीदाबाद जिलों को इसमें शामिल किया गया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर छछरौली, गोहाना, घरौंडा, इंद्री, पलवल और रादौर को भी इसमें ले लिया गया।

करण सिंह दलाल ने मंगलवार को दैनिक जागरण को विशेष भेंटवार्ता में बताया कि कई सरकारे आई और चली गईं पर सीवेज ट्रीटमेंट के नाम पर जन स्वास्थ्य विभाग घोटाला कर रहा है। सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के नाम पर सरकारी खजाने को लूटा जा रहा है। इसके दोषी अफसरों को निलंबित करके उन्हे सजा दी जानी चाहिए।

उन्होंने बताया कि प्रशासनिक आयोग के चेयरमैन होने के नाते जब सिंचाई विभाग से यमुना के प्रदूषण के बारे में उनसे पूछा था, तो उन्होंने कहा कि जब तक यमुना एक्शन प्लान के तहत जन स्वास्थ्य विभाग के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से प्रदूषित पानी यमुना में गिरता रहेगा तब तक यमुना को प्रदूषण से मुक्त नहीं किया जा सकता।

दलाल ने कहा कि मैंने खुद जाकर देखा कि सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट से प्रदूषित पानी ही वापस यमुना में जा रहा है। ट्रीटमेंट प्लांट के नाम पर एक तालाब में पानी एकत्र किया जाता है। ओवर फ्लो होने पर जब ऊपर का कूड़ा कर्कट बाहर चला जाता है तो यही पानी नालों के जरिए वापस यमुना में डाला जा रहा है। दलाल ने कहा कि ट्रीटमेंट प्लांट आधुनिक होना चाहिए। ट्रीट किए गए पानी को तो दोबारा पिया जा सकता है।

दलाल ने कहा कि यमुनानगर से लेकर मेवात तक बह रही यमुना के प्रदूषण का असर दिखने लगा है। न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की उल्लंघना की जा रही है अपितु लोगों की सेहत से खिलवाड़ भी हो रहा है। यमुनानगर के किनारे के शहरों में खुजली, कैंसर और टीबी जैसे रोग फैल रहे है। इस प्रदूषित पानी से पशुओं में भी कई तरह के रोग फैल रहे है।

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