इंडो-एशियन न्यूज सर्विस
श्याम पंधारी पांडे
नागपुर। भारतीय मूल के एक 13 वर्षीय अमेरिकी छात्र और उसके 15 वर्षीय अमेरिकी मित्र एक भारतीय गांव में ट्यूबवेल लगवाने के लिए केक और पिज्जा बेचकर और कार साफ कर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं।
यह गांव पानी की भारी कमी से जूझ रहा है। अकोला जिले के पारस गांव सहित अन्य गांवों में पानी की कमी से खुद रू-ब-रू होने के बाद रूजुल नामक इस भारतीय अमेरिकी छात्र ने अपने अमेरिकी दोस्तों के साथ मिल कर इस क्षेत्र में ट्यूबवेल लगवाने की ठानी।
न्यू जर्सी के प्रिंसटन डे स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले ये छात्र चंदा मांग कर भी धन इकट्ठा कर रहे हैं। इनमें से केवल रूजुल ने ही महाराष्ट्र के इस पारस गांव को देखा है।
नागपुर आए रूजुल ने बताया कि सिर पर मटका रखकर पानी लाने के लिए मीलों का सफर करने को विवश महिलाओं को देखने के बाद उसने अपने दोस्तों के साथ मिल कर उनकी मदद करने का निर्णय लिया।
रूजुल के पिता का जन्म इसी गांव में हुआ। रूजुल ने कहा, "हमें लगा कि एक ट्यूबवेल लगवाने में कुल 900 डॉलर का खर्च आएगा और यह बढ़िया तरीका होगा समस्या से निजात पाने का। तब हमने पैसा इकट्ठा करने का निर्णय लिया।”
साभार - http://www.josh18.com
रविवार, 20 अप्रैल 2008
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