सोमवार, 26 मई 2008

जुन्नारदेव में रसूखदारों को ही मिल रहा है पानी

जुन्नारदेव , म. प्र. । जल संकट से निपटने के लिए नगरपालिका द्वारा की गयी व्यवस्था में मची बंदर बांट के चलते कुछ लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल पा रहा है। स्थाई स्त्रोतों का जल स्तर घट जान से नगरीय क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी पानी की भयावह स्थिति बन गयी ह। ग्राम पंचायतों में राशि के अभाव में टैंकर की व्यवस्था नहीं की गयी है। नपा मे टैंकर व्यवस्था कर पानी संकट से निपटने के प्रयास किए जा रहे हैं। किंतु पार्षद अधिकारी और ऊंची पहुंच वालों को ही पानी नसीब हो पा रहा है। इन लोगों में पानी के लिए मची आपसी बंदर बांट के चलते वार्डवासियों को पीने का पानी तक नही मिल पा रहा है।
पार्षद खुलेआम नपा के टकरों में मोटर पम्प लगाकर अपने घर का पानी भर रहे हैं, जिससे विवाद की स्थिति निर्मित हो रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में 1॰ दिनों के अंतराल में एक दिन पीएचई, पंचायत द्वारा पानी दिया जा रहा हैं। इन ग्रामीण क्षेत्र में पानी के लिए हाय तौबा मची हुई हैं। इधर टैंकरों के वार्ड में पंहुचते ही भारी भीड एकत्र हो जाती है। व्यवस्थित पानी वितरण न हो पाने पर कई बार विवाद की स्थिति भी बन रही है। पानी वितरण करते वक्त वार्डवासी आपस में भिड विवाद के चलते टैंकर चालक पानी वितरण किए बगैर ही चलते बनते हैं।
लोगों कि मांग थी कि जिन घरों के नाम से पानी दिया जा रहा है उन्हें ही पानी वितरण किया जाए। यहां टैंकर पहुंचते ही पानी के लिए खासी भीड लग रही है। नपा में हालांकि वार्ड वार टैंकर से पानी दिया जा रहा हैं किंतु पानी के संकट के कारण कई बार विवाद की स्थिति बन रही हैं। ग्रामों में तो टैंकर भी उपलब्ध न होने से भारी जल संकट बना हुआ हैं। लोग बर्तन लेकर कुओं में घंटों नम्बर आने का इंतजार करते रहते हैं।
कई वार्डों में ऊचाई के चलते पानी न नल द्वारा न ही टैंकरों द्वारा मिल पा रहा है। जिसको लोगों में नाराजगी देखने को मिल रही हैं। वहीं नगर पालिका अधिकारी अध्यक्ष व जल सभापति के द्वारा पानी वितरण सुचारू रूप से किए जाने का दावा किया जा रहा है पर जमीनी हकीकत कुछ ओर ही बंया कर रही है।
नगर में यह पहला वर्ष ऐसा होगा जब नगर के लोगों को पानी खरीदकर पीना पड रहा है।
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