गुरुवार, 26 जून 2008

एक सप्ताह में दर्जन भर स्थानों में फटी धरती

बिन्दकी (फतेहपुर)। तहसील क्षेत्र में एक सप्ताह के अन्दर लगभग एक दर्जन स्थानों पर धरती फटने की घटनाओं से किसानों में दहशत का माहौल रहा। अब भी किसान खेत व बगीचों में फूंक-फूंक कर कदम रखते है। सबसे अधिक धरती फटने की घटनाएं अमौली विकास खंड क्षेत्र में रही।

क्षेत्र में धरती फटने की पहली घटना चौदह जून को ग्राम शिवरी में हुई थी, जिसमें शिवबरन के खेल में तीस मीटर लम्बी एवं एक फीट चौड़ी दरार हो गयी थी इसके बाद पन्द्रह जून को चार स्थानों में धरती फटी, जिसमें अमौली के बेहटा गांव के हनुमान प्रसाद व राम किशोर की बाउन्ड्रियों से घिरी भूमि फट गयी। जिसकी लम्बाई पचास-पचास मीटर थी। इसी दिन ग्राम सैठी में महादेव प्रसाद की तथा विक्रमपुर में हिम्मत सिंह की भूमि फट गयी। सोलह जून को फिर तीन घटनाएं हुई। जिसमें अमौली कस्बे के समीप मेढ़ापाटी गांव मे समरजीत पाल के घर के पास तथा धमना खुर्द में संतोष के खेत तथा शिवराज सिंह के बाम में तीस-तीस मीटर लम्बी तथा दो फिट चौड़ी में धरती फट गयी। उन्नीस जून को बिन्दकी तहसील के ग्राम फरीदपुर गांव लगभग आठ फिट के व्यास तथा अथाह गहराई में धरती धस गयी, जो क्षेत्र में कौतूहल का विषय बन गया। सैकड़ों लोग इसे देखने के लिए एकत्र हो गये। इसे देखने के लिए तहसीलदार भी मौके पहुंचे थे। गढ्डें के इर्द गिर्द मेड़बंदी के निर्देश भी खेत मालिक को दिया था। इक्कीस जून को अमौली से तीन किलोमीटर दूर गांव द्वारिकापुर में धरती फटी। जिसमें शिवराम के बगीचे में लगभग अस्सी मीटर की लम्बाई तथा एक से दो फिट तक की चौड़ाई में धरती फटी थी। इस प्रकार क्षेत्र में एक सप्ताह में लगभग एक दर्जन स्थानों में धरती फटने व धसने की घटनाएं हुई। जिसको लेकर किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे खिंची है। बागों व खेतों में घुसने के वक्त किसान फूंक-फूंक कर पैर रख रहा है। उसे खेतों में घुसते समय धरती फटने का भय बना रहता है।

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