शुक्रवार, 11 अप्रैल 2008

अमेरिका में पीने का पानी दूषित

वॉशिंगटन। अमेरिका में पीने के पानी में एंटीबायोटिक दवाओं, शक्तिवर्धक दवाओं तथा सेक्स हारमोन से संबंधित दवाओं के अंश पाए गए हैं। जिस पानी में इन दवाओं के ये नमूने मिले हैं उसकी आपूर्ति 410 लाख अमेरिकीयों को होती है। समाचार एजेंसी ‘एपी’ ने अपनी एक खोज से यह पता लगाया है। हालांकि पानी में इन दवाओं के नमूने बेहद कम मात्रा में मिले हैं, लेकिन कुछ दवाएं जैसे- एसेटामिनोफेन और आयबोप्रोफेन का पाया जाना खतरनाक है। मानव शरीर के लिए ये दवाएं खतरनाक हो सकती हैं।वैज्ञानिकों को इस बात की चिंता है कि दीर्घकाल में मानवशरीर पर इनका नकारात्मक असर पड़ सकता है।
पांच महीनों की जांच के बाद पाया गया कि 24 मुख्य क्षेत्रों जिनमें- दक्षिणी कैलीफोर्निया, न्यूजर्सी का उत्तरी क्षेत्र, लुइसविले और मिशीगन शामिल हैं, के पीने के पानी में इन दवाओं के नमूने पाए गए हैं। पेंसिलवेनिया के पानी के नमूनों में जिन दवाओं के अवशेष मिले हैं उनमें अस्थमा, मानसिक बीमारी की दवाएं, दिल संबंधी बीमारी की दवाएं और दर्द निवारक औषधियां शामिल हैं। साथ ही दक्षिण कैलीफोर्निया में 185 लाख लोगों तक पहुंचने वाले पानी में भी इसी प्रकार की दवाओं के अवशेष पाए गए हैं।
प्रशांत घाटी पानी आयोग के पानी शोधयंत्र से न्यूजर्सी के लगभग साढ़े आठ लाख लोगों को पानी की आपूर्ति होती है, यहां के पानी में अन्य दवाओं के अवशेषों के साथ-साथ शक्तिवर्धक दवाओं के अवशेष भी पाए गए हैं। सान फ्रांसिस्को के पानी में सेक्स हारमोन से संबंधित दवाओं के अवशेष पाए गए हैं। वहीं वॉशिंगटन डीसी के पानी में छह खतरनाक दवाओं के अंश पाए गए हैं।
लेकिन सवाल यह है कि ये दवाएं पानी में किस तरह से घुल गईं?
माना जा रहा है कि लोग दवाओं का सेवन करते हैं। उनका शरीर दवा की कुछ मात्रा को अपने शरीर में ही ग्रहण कर लेता है और बाकी दवा शौच आदि के माध्यम से पानी में घुल जाती हैं। इस तरह व्यर्थ पानी झील और तलाबों में चला जाता है और इसी पानी की कुछ मात्रा का फिर से इस्तेमाल करने के लिए शोधन किया जाता है। लेकिन पुन: शोधन की इस प्रक्रिया में सभी दवाएं पूर्ण रूप से शोधित नहीं हो पातीं।
मानव कोशिकाओं और वन्य सम्पदा पर इन दवाओं का धीरे-धीरे नकारात्मक असर हो रहा है।
अमेरिकी पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी के सहायक प्रशासक बेनजीम एच. ग्रूमबल्स का कहना है कि हमने इन दवाओं के अंश की पहचान की है और हम इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहे हैं।
साभार - http://www.josh18.com/showstory.php?id=156711

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