सरकार ने गुजरात में ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत जल संचय कार्यक्रम की सफलता की तारीफ की।
गौरतलब है कि केंद्र में ऑपजिशन की भूमिका निभा रही बीजेपी गुजरात में सरकार चला रही है। प्रश्नकाल के दौरान राज्यसभा में बीजेपी के सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी के अनुपूरक सवालों के जवाब में ग्रामीण विकास मंत्री रघुवंश प्रसाद ने कहा कि मैं मानता हूं कि गुजरात सरकार ने केंद्रीय योजना के पैसे से खेत तालाब योजना चलाकर भूगर्भ जल का लेवल बढ़ाने की दिशा में अच्छा काम किया है पर उसने इस मामले में केंद के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन भी किया है। राज्य सरकार ने इसका फायदा सभी वर्गों को दे दिया जबकि यह अनुसूचित जाति, जनजाति के लोगों को ही मिलना चाहिए था।
प्रसाद ने कहा कि पहले देश में बारिश का ३८ फीसदी जल जमीन के अंदर जाता था जो अब घटकर १३ फीसदी रह गया है। ग्रामीण रोजगार गारंटी कार्यक्रम के जरिए जल संग्रह क्षमता बढ़ाने के लिए पुराने ताल-पोखरों की मरम्मत आदि की एक लाख ४२ हजार योजनाओं की पहचान की गई है जिनमें से २९ हजार पर काम शुरू हो चुका है। अकाली दल के राज मोहिंदर सिंह मजाठा ने पंजाब में गांवों के पुराने जलाशयों पर गैरकानूनी कब्जे खत्म कराने का सुझाव दिया।
जेडी (यू) के शरद यादव ने जानना चाहा कि स्पेशल इकनॉमिक जोन स्कीम के जरिए गांवों की जमीन का मुंह सीमेंट से भरा जा रहा है। उसे रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है? उन्होंने महानगरों के बीच आ गए गांवों के ताल पोखरों पर अवैध कब्जे की ओर भी सरकार का ध्यान खींचा। ग्रामीण विकास मंत्री ने उनके सुझावों पर विचार करने का आश्वासन दिया।
गुरुवार, 24 अप्रैल 2008
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