भास्कर न्यूज
जालंधर, गिरते जलस्तर के संकट से विश्व गुजर रहा है। सब लगे हैं जल संरक्षण अभियान चलाने में। ऐसे में बच्चों को शुरू से ही वाटर सेविंग सिखाना जरूरी है, मगर शिक्षा विभाग इसके लिए गंभीर नहीं है। शिक्षा विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी बताती है कि विभाग ने कभी भी जल संरक्षण के लिए कोई भी अभियान नहीं चलाया है। ऐसे में एक तरफ जहां विभाग इसके लिए प्रयास करने की बात कहता है, वहीं अध्यापक संगठन वाटर सेविंग जैसे मुद्दे को एन्वॉयरमैंटल स्ट्डी के सिलेबस में शामिल करवाना चाहते हैं।
शिक्षा विभाग की तरफ से करोड़ों रुपए खर्च कर बच्चों के लिए नई-नई स्कीमें तो चलाई जा रही हैं, लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी समस्या पर कोई ग्रांट खर्च नहीं हो रही है। विभाग की तरफ से अध्यापकों व स्टूडैंट्स दोनों के लिए अलग-अलग विषयों पर सैमीनार लगाए जाते हैं, लेकिन पानी के मुद्दे पर सरकारी स्कूलों में एक भी सैमीनार विभाग की तरफ से नहीं लगाया गया है, जबकि स्कूल स्तर पर संचालक या प्रबंधन ऐसे प्रयास करते रहते हैं।
अध्यापकों की मांग
गवर्नमैंट टीचर रामपाल हजारा ने बताया कि पानी की कमी पंजाब में दस साल पहले से है और पानी का स्तर 30 फीट से 100 फीट तक जा पहुंचा है। ग्रामीण इलाकों में पानी काफी गहरा हो चुका है और बोरिंग करने में खर्च बढ़ा है। ऐसे में चाहिए कि परिवार के बच्चों तक को इसकी जानकारी हो तथा वाटर सेविंग के टिप्स उन्हें पता हों, जो वे ग्राम स्तर पर बता सकें। बच्चों के लिए एन्वायरमैंट स्ट्डी में वाटर सेविंग का चैप्टर लाया जाए। इनकी मांग है कि विभाग को चाहिए कि बच्चों के लिए अवेयरनैस प्रोग्राम शुरू करें व उन्हें पानी की आ रही समस्याओं के बारे में जानकारी दे।
संगठन स्तर पर भी मांग
गवर्नमेंट मास्टर यूनियन पंजाब के प्रधान भूपिंदर सिंह खालसा व अजय अवस्थी ने बताया कि पानी की समस्या इस समय की सबसे बड़ी समस्या है और पानी बचाने के लिए विभाग को भी आगे आना चाहिए। एन्वायरमैंट विषय में इस समस्या को शामिल कर बच्चों को पानी की मौजूदा स्थिति के बारे में बताना चाहिए। वहीं शिक्षा विभाग की ओर से कभी पानी की समस्या के बारे में अवेयर करने के लिए कोई प्रोग्राम नहीं चलाया गया है।
अध्यापक नरेश तिवाड़ी का कहना है कि पानी के बिना कुछ भी संभव नहीं है और बच्चों को अपने लेवल पर अध्यापक जानकारी देते रहते हैं लेकिन विभाग की ओर से कभी इस मामले पर बच्चों के लिए कोई अवेयरनैस प्रोग्राम नहीं चलाया गया। वहीं विभाग को चाहिए कि प्रदूषण की समस्या के साथ साथ पानी की समस्या को भी एन्वारमैंट विषय में पढ़ाया जाना चाहिए। बच्चों अगर पानी की समस्या से अवेयर होंगे तो ही आने वाले समय में जीवन खुशहाल हो सकेगा।
डीईओ की बात
जिला शिक्षा अधिकारी सैकेंडरी हरिंदर साहनी ने बताया कि पानी की कमी बहुत बड़ी समस्या है और आने वाले दिनों में यह ओर भी ज्यादा हो जाएगी। इसके लिए सभी को पहल करने की जरूरत है और बच्चों को अवेयर करना भी। विभाग की ओर से पानी की समस्या के बारे में बच्चों को अवेयर करने के लिए प्रोग्राम चलाए जाने चाहिए। वे कहते हैं कि सरकारी स्तर पर विचार रखा जाएगा।
रविवार, 18 मई 2008
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