उदयपुर/ जिला कलक्टर कुलदीप रांका ने समस्त विकास अधिकारियों को निर्देश दिए है कि वे अपने-अपने क्षेत्र में कूप द्वारा भू जल कृत्रिम पुनर्भरण योजना के प्रस्ताव तैयार करें ताकि कृषकों को अधिकाधिक लाभ दिलाया जा सके।
जिला कलक्टर गुरुवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित कूप द्वारा भूजल कृत्रिम पुनर्भरण योजना संबंधी बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस योजना का उद्देश्य निरन्तर गिरते हुए भूजल स्तर को रोकने तथा भूजल भण्डार में वृद्घि करने का है। इसमें गांवों में कृषि पैदावार में वृद्घि, आर्थिक सम्पन्नता व रहन-सहन में बदलाव आयेगा। इस योजना से फलोराइड प्रभावित क्षेत्रों में पानी की गुणवत्ता में भी सुधार होगा।
उन्होंने बताया कि देश के सात राज्यों आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडू के साथ राजस्थान में भी लागू होने जा रही है। योजना की क्रियान्विति के लिए जिला स्तर पर क्रियान्वयन एवं मोनिटरिंग समिति का गठन भी किया गया है। उन्होंने सभी विकास अधिकारियों से अधिक से अधिक प्रस्ताव तैयार करवा कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
बैठक में मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी.आर.भाटी ने बताया कि प्रस्ताव जिला स्तरीय समिति को प्राप्त होने के पश्चात लाभान्वित कृषकों को नाबार्ड के बक खातों में पुनर्भरण संरचना के लिए राशि जमा करवाई जाएगी। नाबार्ड संबंधित एजेन्सी को केपिसिटी बिल्डिंग, मोनिटरिंग, इम्पेक्ट एसेसमेंट के लिए राशि प्रदान करेगा। संरचना में लगाये जाने वाले आवक पाईप की गहराई आने वाले वर्षा जल प्रवाह को ध्यान में रखते हुए रखी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक मॉडल की संरचना, पंचायत समिति में नियुक्त अभियंता के द्वारा भूजल विभाग को दिशा निर्देश को तैयार किया जाना प्रस्तावित है। उन्होंने इस कार्य के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार कर काश्तकारों में जागरुकता लाने के भी निर्देश दिए। बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर (प्रशासन) रामजीवन मीणा सहित समस्त विकास अधिकारी उपस्थित थे।
सोमवार, 18 अगस्त 2008
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